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मगर उसने मना कर दिया।कुछ देर में मैं झड़ भी गया था और मेरा पूरा माल उसके हाथों में आ गया।इससे वो हड़बड़ा गई और उसने अपने हाथों पर लगे हुए मेरे माल को मेरे लोअर से पोंछ दिया।तब तक वो भी थोड़ी शान्त सी हो गई थी और हम दोनों ने उठ कर अपने कपड़े ठीक किए और अपने-अपने घर को वापस लौट गए।मगर यह आग अभी कहाँ बुझी थी। मुझे तो उसके मम्मों का दूध पीना था और उसकी गाण्ड मारनी था। अब मैंने उसकी गाण्ड कैसे मारी. मेरे मुँह से बोल ही नहीं फूट रहा था। एक तो मेरी चूत से अरुण का वीर्य बहकर मेरी जाँघों तक आ गया था और वीर्य की एक भीनी सी महक आ रही थी।मैं डर गई. मेरे ऊपर वासना का नशा हावी था। अभी मेरे दिमाग में यही सब चल रहा था और तब तक पति खर्राटे भरने लगे।मैं बगल वाले चाचा से जो हुआ वह आगे नहीं होगा यही सोच थी कि चाहे अंजाने या जान कर जो भी हुआ.
तभी मैं खाऊँगा।मैम ने ऊपर से केक की चॉकलेट को एक उंगली से थोड़ा सा उठाया और लिक करने लगीं। वे फिंगर को अपने होंठों पर ऐसे रख कर चूस रही थीं. वो बोली- पहले मेरे सारे कपड़े तो उतारो तो ही तो चुदेगी मेरी चूत!मैं बोला- नहीं तुझे अध नंगी देख कर जोश और डबल हो गया है, इसलिए पहली चुदाई तो कपड़ों के साथ ही होगी. और नायर मेरी चूत की फांकों को अलग करके मेरी बुर में जीभ डाल कर मेरी चूत की प्यास को बढ़ाते हुए काफी देर तक मेरी बुर की चुसाई करता रहा।फिर अपने लण्ड के सुपारे को मेरी बुर पर लगा कर और पैरों को अपने कंधों पर रख कर.
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जैसे मुझे जन्नत के द्वार तक लेकर जा रहा था।मेरे पति ने भी आज तक इस तरह मुझे चोदा नहीं था, वो सिर्फ गालियाँ दे-दे कर घनघोर चुदाई करता था, जब वो मुझे चोदता था. फिर हम साथ में बाथरूम में नहाए और बाथटब में ही मैंने उसे एक बार फिर चोदा।इसके बाद मैंने उसे और उसकी सहेली को नाश्ता कराया और उसे स्टेशन छोड़ आया और साथ में उसे जाते समय आगरा के प्रसिद्ध पंछी छाप अंगूरी पेठा के 4-5 डिब्बे पैक करवा दिए।उसने मुझे धन्यवाद कहा और बोली- आपके साथ समय गुजार कर बहुत अच्छा लगा। मेरा जाने का मन नहीं कर रहा. आधे घंटे बाद हम जागे, एक दूसरे को बाँहों में लिए ही हम बैठ गए, अलका ने तकिये और गाव तकिये दीवार के सटा कर सेट किए और हम टाँगे फैला कर दीवार के सहारे धड टिका कर बैठ गए.
इसे ऐसी हालत में छोड़ भी नहीं सकता। फिर मैंने दिया जलाया तो मेरे तो होश ही उड़ गए ये देखकर कि उस दरी पर जिस पर हम लेटे थे. रात भर हम दोनों ने बहुत बार चुदाई की और मामा के आने तक हम रोज चुदाई करते और मैं तो रोज़ सुबह उठ कर मामी से लिपट जाता और फिर उनकी चूचियाँ दबा-दबा कर मसलता रहता, चुदाई का जोश चढ़ने पर उनकी नाइटी उठा कर उनकी चुदाई शुरू कर देता।आशा करता हूँ कि आपको मेरी पहली चूत की चुदाई की यह सच्ची कहानी पसंद आई होगी. मैं हकबकाया सा खड़ा रहा, डॉक्टर जरा देर में वापस आई तो तीन चीजें उनके हाथ में थी – दवा की ट्यूब, नारियल तेल की बोतल और एक पारदर्शी छोटी बोतल जिसमे सुनहरे रंग का कुछ गाढा तरल था.
पर अन्दर से रजनी गर्म हो चुकी थी।रजनी ने रानी से कपड़ा ले लिया और मेरे लण्ड को पोंछने लगी और लण्ड को प्यार करने लगी।मैं उसे मना नहीं कर सकता था, मैंने चुपचाप उसे लण्ड को सहलाने दिया.
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फिर हम साथ में बाथरूम में नहाए और बाथटब में ही मैंने उसे एक बार फिर चोदा।इसके बाद मैंने उसे और उसकी सहेली को नाश्ता कराया और उसे स्टेशन छोड़ आया और साथ में उसे जाते समय आगरा के प्रसिद्ध पंछी छाप अंगूरी पेठा के 4-5 डिब्बे पैक करवा दिए।उसने मुझे धन्यवाद कहा और बोली- आपके साथ समय गुजार कर बहुत अच्छा लगा। मेरा जाने का मन नहीं कर रहा. जीभ डालकर चाटने लगा था। वो काबू से बाहर हो रही थी।अब हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए और मैंने अपनी अंडरवियर भी निकाल दी और लण्ड मुँह में लेने को बोला। पर उसने मना कर दिया। मैंने कोई जबरदती नहीं की।मैंने कहा- अच्छा. मैंने कहा- बुआ जी मेरी समझ में कुछ नहीं आया?बुआ जी बोलीं- आज तुम अपने मोटे तगड़े लम्बे लौड़े को मेरी गांड में डालो, और उठ कर बैठ गईं.
तो उसका और मेरा दोनों का घर बदल गया।अब वो मेरे सामने वाले घर में रहने लगी। जब मुझे पता चला तो मैं बहुत खुश हुआ। लेकिन मुझे कुछ दिनों बाद यह भी पता चला कि उसका एक ब्वॉय-फ्रेण्ड भी है. ”मेरा बदन बहुत ही गरमा चुका था तब मैंने भाभी को फर्श पर लिटा दिया ओर उसके ऊपर आके जोर से चुचियों को फिर से दबाया पर बाद में मैंने चूत की तरफ़ देखा.
ओके!फिर मुझे डस्टिंग ब्रश पकड़ाते हुए मेरे नंगे चूतड़ों पर दो ज़ोरदार चांटे लगाए और कहा- अब शुरू हो जाओ काम पर. क्या कर रहे थे?मैंने कहा- नींद नहीं आ रही है, कुछ बेचैनी सी है।फिर मैंने मॉम से पूछा- क्या आपको भी नींद नहीं आ रही है?वो बोलीं- हाँ मुझे भी नींद नहीं आ रही है।मैंने कहा- आप भी यहीं लेट जाओ न।फिर वो मेरे पास बैठ गईं।मैंने फिर कहा- यहीं सो जाओ ना, मेरे पास।वो सीधी लेट गईं। कुछ देर बाद मैंने पूछा- नींद नहीं आ रही है. उसकी सिसकारियों से मैं भी जोश में आ गया और मैंने उसकी गाण्ड के छेद को जोर-जोर से अपने थूक की मदद से चूमने लगा।अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपने बैग से लुब्रिकेंट निकाला और उसकी गाण्ड पर बहुत सारा लुब्रिकेंट लगा दिया। यह एक जैली की तरह होता है.
मैं तो उसमें अपना मुँह डाल के स्मूच कर रहा था।फिर मैंने उसकी चूत में तेज-तेज झटके देने शुरू किए और साथ ही मैं उसके चूचे भी दबा रहा था। मस्ती में मैं बीच-बीच में उसके निप्पलों काट देता। वो अपनी गाण्ड उठा कर मेरा साथ देने लगी। मेरी छाती पर अपने हाथ घुमाने लगी.
उतना ही मेरे पति को मुनाफ़ा होगा। मैं आज ही आराम पा चुकी अपनी चूत से उस अजनबी को खुश करते हुए उसके लण्ड का सारा रस चूस लूँगी।सुनील मेरी बात से खुश होकर बोले- वाह बिल्कुल सही नेहा जी. सपने में चूत की वो कुटाई करने लगा कि मैं तो मानो आसमान में उड़ने लगी।पहला हल्का शॉट होने के बाद शर्माजी ने मुझे पेट के बल पर लिटाया। मेरे दोनों पुठ्ठों के बीच आकर मेरे पुठ्ठों को फैलाया।‘हाय अब करने वाला था. उसके मम्मों को कुछ इस तरह दबाता कि वो साली मेरे लण्ड की प्यासी हो जाती।फिर उसकी चूत में लण्ड डाल कर उसको पीछे से.
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मेरे पति आर्मी में है। मुझे आपकी सहायता चाहिए आप एक कॉल बॉय हो क्या? आप मेरे साथ सेक्स कर सकते हो।मैंने कहा- ठीक है. तब मुमानी ने कहा ‘अरे वो अपने रूम में सो रही हैं तुम उनकी फ़िकर क्यूं करते हो, जम कर मारो आज मेरी गांड!’ और फ़िर मामू ने बहुत जोरदार गांड चोदी थी मुमानी की!मैं आगे बोली- मुझे तो अफ़रोज़ और आज़रा पर तरस आता है कि बेचारी इतनी कातिल जवानी लेकर भी प्यासी हैं.
तुम हो ही इतनी प्यारी कि औरत होकर मुझे भी तुम पर चढ़ जाने का मन होता है तो तेरे भैया तो आखिर मस्त जवान है. ३१ इंच कमर, ३८ साइज़ के मम्मे, ५ फुट ७ इंच कद, २५ – २६ साल उम्र, फार्मी गेहूं जैसा रंग, चेहरा ऐसा की मेरी नज़र उनके चेहरे पर से हटने का नाम नही ले रही थी. और लंड को पेल कर अन्दर-बाहर करने लगा।बाद में मैंने मैडम की टांगों को सोफे पर रखा और उनकी टांग के नीचे अपने लंड को चूत में डालने लगा और उनके निप्पलों को चूसने लगा।मैंने मैडम के निप्पलों को इस तरह से चूसा कि जैसे कोई भूखा बच्चा माँ के दूध को पीता है। मैंने चूसने के साथ ही उनके गुलाबी निप्पलों को अच्छी तरह मसला भी.
जैसे ही मैंने ब्रा को खोला तो आंटी की चूचियां आज़ाद हो गईं और उनके चूचुक भी ऐसे कड़क हो गए कि जैसे कोई एक साल के बच्चे की नुन्नी खड़ी हो जाती है।मैंने 20 मिनट तक आंटी के मम्मों की मालिश की. प्लीज मेरी चूत को अपने पानी से भर दो और मुझे चूमो।मैं उसकी चूचियों को दबाकर और तेज-तेज धक्के लगाकर उसकी चूत को अपने वीर्य से भरने लगा।कुछ देर बाद मैं अपने रुमाल से अपने लण्ड को और उसकी चूत को पोंछने लगा।प्रीति ने और मैंने एक लम्बी किस की और अपने-अपने कपड़े पहन कर बस से बाहर आ गए।मैंने ड्राईवर को इशारा किया. पर मैं तो रात का इंतजार कर रहा था कि कब रात हो और कब मैं अपनी सास तो चोदूँ।रात हुई और हम सब सोने की तैयारी करने लगे, मौका पकड़ मैंने अपनी सास को इशारा कर दिया।जब सब लोग सो गए.
अब तो मैं बरदाश्त नहीं कर पाया और झटके के साथ उठ कर बैठ गया और बोला- कौन है?तभी आंटी ने मेरे मुंह पर हाथ रखा और धीरे से बोली- बेटा मैं हूं!उन्होंने फ़ट से लाइट जला दी.
5 लीटर पेप्सी की बोतल दे दी और कुछ नमकीन आदि देकर चला गया।सब चीज़ें लेकर मैं कमरे में आ गया। मेरी बहन ने मुझसे कहा- यह आपने क्या मँगवाया है भाई?मैंने कहा- आज हम दोनों शराब पियेंगे. उसके पहले उसके फ़ोन की घंटी बजने लगी। उसने फ़ोन उठाया दो मिनट बात की और काट दिया और जल्दी से अपने बैग में कुछ ढूँढ़ने लगा।सुनीता- अरे क्या हुआ.
जब वो खिड़की से कूद रहा था तब अलमारी को लात लग गई और अलमारी के ऊपर का सामान मेरे ऊपर गिर गया।’वो रोने लगी।‘तुम्हें ज़्यादा चोट तो नहीं आई ना?’मैंने उसके हाथ को पकड़ कर उठने में मदद की।वो रोए जा रही थ- चोट तो नहीं आई. ’ लण्ड मेरी चूत में पेले जा रहा था।मैं इस मस्त चुदाई की मस्ती में अपनी गाण्ड उठा कर चरम पर आ गई ‘आहहह. लेकिन तब भी उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।खाना खाने के दौरान भी उसने मुझसे कोई बात नहीं की।अब मुझे उस पर गुस्सा आने लगा था, मैंने उसे एक बार फिर ‘सॉरी’ बोला.
लेकिन मैं समझता था कि अगर उन्हें थोड़ा और गरम कर दूँ तो वो चुदने के लिए मान जाएँगी इसलिए मैंने उनकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया।वो थोड़ी शांत होती गईं और धीरे-धीरे मेरा साथ देने लगीं।अब मैं पागलों की तरह उनके मम्मों पर कूद पड़ा और उन्हें चूमने लगा।मैं कहने लगा- हाय आपके ये कितने मस्त हैं. जो मानव मात्र के लिए सम्भोग की चरम सीमा तक पहुँचने की सदा से ही लालसा रही है।मुझे आशा है कि आपको कहानी पसंद आएगी।आपके ईमेल की प्रतीक्षा में आपका शरद सक्सेनाकहानी जारी है।[emailprotected]. मेरे कहने पर वो मेरी टांगों के बीच आया और मेरी कसी कुंवारी चूत पर अपना छोटा लण्ड रख धक्का मारा, सुपाड़ा कुछ अन्दर गया.
पंजाबी सेक्सी बीएफ मूवी तो हम दोनों ही सुबह 8 बजे निकल जाते और रात को 7 बजे वापस आते थे।भैया भी ऑफिस में अच्छी पोस्ट पर थे और उनके बाहर जाने का काम अधिक नहीं होता था।हमारा गाँव भी ज्यादा दूर नहीं था. वो शांत हो गई, उसकी चूत में से थोड़ा सा खून निकला और बिस्तर पर रिसने लगा।अब उसका खून निकलना बंद हो गया था। मैं फिर से हल्के-हल्के धक्के मारने लगा और मेरा लंड उसकी चूत में समां गया।अब वो भी मस्त होकर अपनी गांड हिला-हिला कर चुद रही थी। वो मस्ती में कह रही थी- आआअह्ह्ह.
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या फ़िर चोद ही लीजिये पर गांड मत मारिये”रेखा ने उसे दबोचा हुआ था ही, अपनी मांसल टांगें भी उसने कमला के इर्द गिर्द जकड़ लीं और कमला को पुचकारती हुई बोली घबरा मत बेटी, मरेगी नहीं, भैया बहुत प्यार से मन लगा कर मारेंगे तेरी और फ़िर तुझे आखिर अब रोज ही मराना है. ’‘जब मैं इस तरह से तुम्हारी चूचियों को दबाता हूँ तो तुमको कैसा लगता है?’पापा मेरी कड़ी चूचियों को निचोड़कर बोले तो मैं उतावली हो बोली- हाय पापा, उह्ह ससीए इस तरह तो मुझे और भी अच्छा लगता है. वहां वे तीन सिस्टर्स कैसे चुदी?दोस्तो, तीन बहनों की चुदाई की कहानी के पहले भागचुदाई की प्यासी तीन सगी बहनेंमें मैंने अब तक आपको बताया था कि प्रोफेसर आलोक ने सिमरन की चुत को उसकी पैंटी के ऊपर से ही सूंघना शुरू कर दिया था.
कुछ ढूँढ रहे हो क्या बाबूजी ?” आरती धीरे से मेरे कान में बोलीहाँ आरती रानी मैने उसके कान में कहाक्या ढूँढ रहे हो बाबूजी ? क्या मैं आपकी मदद करूँ?” आरती मेरा कान दाँतों से काटने लगी” हाँ आरती रानी मेरी मदद करो ना. मैं कब से तेरी बुर चोदने का वेट कर रहा हूँ और कब से मेरा लण्ड तुम्हारे चूत तेरी चूत में जाने का इन्तजार कर रहा है. बीएफ हिंदी देसी मेंअगले दिन हम एक पार्क में मिले और एक दूसरे को गले लगाया। उसके गले लगते ही जैसे मेरे बदन में सनसनी फ़ैल गई और मैंने उसके होंठों को चूम लिया। उसने भी मेरा साथ देते हुए जवाब में मेरे होंठ चूसने लगा।अब पता नहीं क्यों.
पर न तो प्रोफेसर ने तो लड़कियों से एक शब्द भी नहीं बोला।तभी काजल और रेहाना अपनी जगह से उठकर प्रोफेसर के पास आईं और दोनों ने प्रोफेसर का हाथ पकड़ लिया और काजल बोली- सर शर्माओ मत.
चल उतार कपड़े।यह कहते हुए वो कुसुम की तरफ बढ़ा, उसने कुसुम का गाउन खींच निकाल दिया।कुसुम कहती रही कि रुको. मैंने आंटी से कहा ‘आंटी अगर आप बुरा न माने तो मैं आज आपकी गांड मार सकता हूँ?’आंटी ने हँसते हुऐ कहा ‘क्यों नहीं मेरे राजा ! तुम मेरे किसी भी छेद में लंड डाल सकते हो.
तू कब आया?मैंने कहा- बस 5 मिनट पहले आया था और अब जा रहा हूँ। तुम तो घर पर रहते ही कहाँ हो।तब अनिल ने कहा- चलो घर चलते हैं।मैं तो यही चाहता था और अनिल के साथ फ़िर उसके घर पहुँच गया। तब आंटी ने हमें देखा और अनिल से कहा- अच्छा हुआ अनिल बेटा इसे वापस ले आया। आजकल बहुत नखरे कर रहा है। मैंने कहा चाय बनाऊँ. अब मेरा मन आरती क़ी गोलाइयाँ चूसने के लिए बेताब हो रहा था” क्या हुआ बाबूजी दिल मिला या नही ” आरती आँखे बंद किए हुए बोलीनहीं मिला मेरी जान. हम भी अर्चना और सुनीता जैसे तुम्हारे दोस्त ही हैं। आगे हम लोग भी अच्छी दोस्ती चाहते हैं।कुछ देर इधर-उधर की बातें होती रहीं.
उसका सारा पानी मेरे हलक से उतर कर पेट में चला गया था।मैंने उसे ज़ोर लगा कर थोड़ा ऊपर को उठाया और कहा- शमिका अब तुम मेरी तरफ पीठ करके बैठ जाओ.
जैसे उनका शुक्रिया अदा कर रहा हो।भाभी सोफे पर बैठ गईं अब उनका मुँह बिल्कुल मेरे लण्ड के सामने था।भाभी उसे देख कर बोलीं- देवर जी, यह तो जैसे मुझे घूर रहा है।मेरा लण्ड पूरी तरह उनके रस और मेरे वीर्य से सना हुआ था और चमक रहा था। उधर भाभी की चूत से मेरा वीर्य रिस रहा था. तो मैं उसकी पैन्ट उतारने लगा, फिर उसकी चूत में उंगली डाल दी।इससे वो और भी मचलने लगी और मेरा पैन्ट खींचने लगी।जैसे ही मैंने अपना पैन्ट नीचे किया उसने मेरा लंड हाथ में लिया और प्यार से सहलाने लगी।मैंने उसको लिटा कर उसकी दोनों टाँगें ऊपर कीं. यानि मैंने कभी उसके उभारों या उसकी जांघों पर हाथ नहीं लगाया था। ज्यादातर यह होता था कि मैं उसके गले में हाथ डालकर उसको अपनी ओर दबाते हुए चलता था।हम वहाँ भी ऐसे ही बैठे थे। मैंने उसके गले में अपना हाथ डाल रखा था। मैं वहाँ पर बैठे-बैठे इधर-उधर की बातें कर रहा था कि अचानक सामने की सड़क पर एक सेक्सी लड़की पानी लेने के लिए जा रही थी।मेरे मुँह से अचानक निकला- वाह.
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”कमला भाभी की ओर अपनी बड़ी बड़ी आंखो से देखती हुई बोली भाभी उस किताब में एक औरत ने एक मोटी ककड़ी अपनी चूत में घुसेड़ रखी थी. आलोक का अंडरवियर उतरते ही उसका 7 इंच का मोटा लंड बाहर आकर अपने आप ऐसे हिलने लगा मानो वो इन हसीन बहनों को अपना सलाम बज़ा रहा हो. मोटा सरिया घुसा हो।अब उसने और 10 मिनट चोदते-चोदते अपना माल मेरी चूत में ही झाड़ दिया और अब मैं भी झड़ गई थी।फिर मैंने झट से टी-शर्ट लोवर ठीक किया और उसने भी अपने कपड़े और वो मेरे ऊपर लेटा रहा.
मैंने उनसे फिर कहा- लेकिन भाभी सच कहता हूँ कि मैंने ज्यादा कुछ नहीं देखा।इस पर वो बोलीं- और ज्यादा क्या देखना है तुम्हें. पर वहाँ कोई नहीं था।मैं मायूस होकर अपनी बुर दाबते हुए नीचे आने लगी, तभी मुझे बगल वाली छत पर बने कमरे के खुलने की आवाज आई।मैं रूक कर देखने लगी. मैं 5 मिनट तक सोचता रहा कि ये क्या हुआ?फिर वो बोली- तुझे तमीज़ नहीं है।पर अब मैं बदतमीज़ ही हो गया था.
जो इस वक्त तन कर पूरी तरह से उभरे हुए थे। मम्मी की पतली और नाज़ुक कमर के ऊपर झूलते हुए वो विशालकाय चूचे. उसकी चीख निकल गई।मैं बिना रुके उसको चोदता रहा। फिर मैंने उसको डॉगी स्टाइल में कर दिया और वह मेरे सामने अपनी दोनों टाँगें चौड़ी कर अपनी चूत को ऊपर उठाकर मुझे निमंत्रित कर रही थी कि आओ राजा डालो अपना लंड मेरी सेक्सी गुलाबी चूत में. उसने ब्लैक कलर की ब्रा पहनी हुई थी। उस रोशनी में उसका गोरा बदन चमक रहा था। मैं उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा।फिर उसके होंठों को छोड़ कर मैं घुटनों पर बैठ कर उसके गोरे पेट को चूमने लगा। उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और वो नीचे गिर गई.
दूसरे चूचे को दबा भी रहा था।फिर वो भी मेरे लंड पर हाथ फेरने लगीं। मैंने भी एक हाथ की उंगली से मॉम की बुर को दबाने लगा और उंगली चुत के अन्दर कर दी।फिर वो मुँह से ‘शह्ह. या गोष्टीकरता प्रत्येकाला तयार करताना मला कोणकोणत्या क्लुप्त्या वापराव्या लागल्या, ते मलाच माहित होते.
तो वो तैयार हो गई।एक घंटे बाद घर की डोरबेल बज उठी। मैंने पायजामा और बनियान पहनी थी। पायजामे के नीचे की निक्कर मैंने निकाल रखी थी। मेरा लंड मेरे चलने पर थिरक रहा था। नीलम बड़े गौर से उसे देख रही थी। मैं उसकी भरी हुई गांड का दीदार मेरी आखों के सामने करने की तमन्ना लिए उसे बेडरूम में ले आया।सच में क्या मस्त चीज थी वो.
तो उसका भी खड़ा हो जाएगा।रेशमा नीचे से बड़े प्यार से मेरा लंड चूस रही थी और मोहन मुझे घोड़ा बनाकर मेरी गाण्ड में अपना लंड पेलकर मेरी गाण्ड मार रहा था जिसे चांदनी बड़े ध्यान से देख रही थी।चांदनी- वाह. चोदा चोदी के बीएफउसको भी मुझमें कुछ दिख गया आँखों ही आँखों में हम दोनों ने एक दूसरे को समझ लिया था। सोनू जयपुर में हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रही थी।शादी के 4-5 दिन बाद जब वो सब जाने लगे. सेक्सी पिक्चर वीडियो बीएफ हिंदी में’वो एक हाथ से मेरी चूचियों को दबाए जा रहा था और एक हाथ से मेरी कमर पकड़ कर शॉट लगा रहा था। मेरी चूत पर उसने 7-8 शॉट मार कर लण्ड चूत से खींच कर पैंट में अन्दर करके चल दिया।वो जाते-जाते बोला- तैयार हो जा मुझसे चुदने के लिए. मार साले मेरी चूत…’यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !विनय कस-कस कर अपना लौड़ा डाल कर मेरी चूत को चोद रहा था और मैं अपनी चूत उसके लण्ड पर उछाल-उछाल कर चुदवाती रही।विनय पूरा ज़ोर लगा कर धक्के पर धक्के लगाता हुआ पूरा लण्ड चूत में जड़ तक डाल रहा था वो मेरी जबरदस्त चुदाई कर रहा था और मैं सिसकारी लेते हुए बुर चुदवाती जा रही थी।‘आहसीई.
इसलिए कोई आईडिया लगाना पड़ेगा तो मैंने थोड़ा और आगे बढ़ने का सोचा।अब मैं अपने दोनों हाथों से उनके मम्मों को मसलने लगा।क्या कमाल के मम्मे थे.
मम्मी बुला रही हैं।और कॉल कट गया।राजू ने अपना सारा पानी मेरे अन्दर ही डाल दिया और मेरे से चिपक गए।मैं- आपने अन्दर ही डाल दिया. रिची ने मेरा सर पकड़ कर मेरे हलक में लौड़ा पेल कर धक्के मारने शुरू कर दिए।उधर नीचे चार्ली के लण्ड का निशाना चूकने की सजा मिलने लगी।चार्ली ने लण्ड को बुर से खींच कर मेरी गाण्ड के छेद पर लगा कर कस कर मेरे नितम्ब पकड़ कर मुझे बिना सम्भलने का मौका दिए. वो उसे और हिलाने लगा।मेरी आँख उससे मिली तो उसने मुझे आँख मार दी।मेरी तो हालत खराब होने लगी। मैंने निशांत की ज़िप बंद की.
इतनी देर में वो दो बार और मैं एक बार झड़ चुका था, वो मेरा पानी भी पी गई थी।अब मैं उसकी टाँगों के बीच में आ गया और उसकी चूत हाथ से सहलाने लगा।जैसे ही मैंने उसकी चूत में उंगली डालने की कोशिश की. मैं समझ गई कि अब मेरी उत्तेजना चरम पर पहुँचने वाली है।उसने मेरे निप्पल के चारों ओर वो बरफ का टुकड़ा फिराया।मैं कसमसाई. उनकी ब्रा और पैन्टी भी थोड़ी-थोड़ी दिख रही थी।मैंने उनको विश किया और मैडम मेरे सामने बैठ गईं।मैडम ने अकाउंट की बुक खोलने को कहा और मैंने मैडम से पूछा- घर वाले कहाँ गए हैं?मैडम ने कहा- सारे घर वाले घूमने गए हैं.
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गलती से मेरा हाथ उनके मम्मों पर आ गया और मेरी एकदम से आँख खुल गई।मैंने भाभी को देखा तो मैं सकते में आ गया।भाभी हँस कर बोलीं- वंश. मैंने कहा- क्यों तुम कैसे सोती हो?उसने कहा मैं तो सिर्फ़ पेंटी पहन के कभी कभी तो ज्यादा गर्मी में बिल्कुल नंगी सोती हूं. और वो वहाँ से उठ कर निकल ही रही थीं कि मैंने उनका हाथ थाम लिया और बिस्तर की तरफ खींच कर उन्हें बैठने को कहा। उन्हें एकदम से खींचने की वजह से वो झटके के साथ बिस्तर पर गिरीं और मुझे उनके मस्त चूचों के दीदार हुए।मेरी तो आँखें खुली की खुली रह गईं।मामी ने खुद को संवारा और कहा- नहीं मैं कुछ नहीं बताऊँगी।मैंने रिक्वेस्ट किया.
’मैंने देखा कि प्लेट में एक मोमबत्ती जल रही है और उसमें चाकलेट को केक की तरह सजाया हुआ है। मैं आश्चर्यचकित रह गई कि इसने यहाँ पर कैसे सब अरेंज कर लिया।मुझे समीर की यही बातें अच्छी लगती हैं वो सबको खुश कर देता है। वो हमेशा कहता है कि हमें छोटे-छोटे मौकों को भी अच्छे से एंजाय करना चाहिए.
उसके मम्मों को कुछ इस तरह दबाता कि वो साली मेरे लण्ड की प्यासी हो जाती।फिर उसकी चूत में लण्ड डाल कर उसको पीछे से.
मेरा सुपारा उसकी चूत में घुस गया।वो चिल्ला पड़ी।मैं थोड़ा रुका और उसे चुम्बन करने लगा।फिर एक और धक्का मारा. मगर तेरे जैसी किसी की नहीं थी।पायल मुस्कुराती हुई बड़ी अदा के साथ चलती हुई पुनीत के पास आकर बैठ गई और उसके होंठों पर एक किस कर दिया।पुनीत- उफ़. फुल सेक्स बीएफमुझे कभी सेक्स में रूचि ना थी लेकिन मेरे एक दोस्त ने जबसे मुझे ब्लू-फिल्म दिखाई है तब से मेरी कोशिश रहती थी कि कोई ऐसा मिले जिसके साथ मैं सेक्स कर सकूँ लेकिन कुछ नहीं उखाड़ पाया.
मैं लन्ड निकाल कर और मैडम पूरी नंगी होती हैं मैडम अपने पास एक लम्बा गाऊन रखती हैं ताकि जब भी कोई कमरे की तरफ आए. चल शुरू हो जा !’मैं भी आंटी का आदेश पाते ही आंटी के क्लीन शेव चूत को मुंह में भरने की कोशिश करने लगा लेकिन चूत बड़ी थी और मेरे मुंह में चूत नहीं आ रही थी. पहले तो मैं हिचकिचाया क्योंकि, मैंने केवल लुंगी पहनी थी और लुंगी के अन्दर मेरा लण्ड चूत के लिए तड़प रहा था.
यह बात सितम्बर की है, मेरे मिड-टर्म एग्जाम चल रहे थे और अगले एग्जाम से पहले 3 दिन की छुट्टी थी इसलिए मैं भी थोड़ा रिलेक्स था। उस दिन मैं 11 बजे पढ़ने बैठा और फिर 4 बजे तक पढ़ता रहा।फिर हल्का सा नाश्ता करने के बाद मैं सो गया। लगभग 6 बजे आँख खुली. प्रदरान्तक चूर्ण का भी व्यवहार किया जाता है।6)भोजन में दही और लहसुन का प्रचुर प्रयोग लाभकारी होता है। बाहरी प्रयोग के लिए लहसुन की एक कली को बारीक कपड़े में लपेटकर रात को योनि के अन्दर रखें, यह कीटाणु नाशक है.
अपने होंठों को उसके होंठों पर लगा दिए थे। मैं उसकी चूचियाँ जोर से दबा रहा था और धीरे-धीरे चूत में धक्का मार रहा था, उसको बहुत दर्द हो रहा था.
जब उसने अपना हाथ लण्ड पर फेरते हुए उसे मजबूती से थाम लिया। आश्चर्य चकित दिव्या चाह कर भी खुद को अपने बेटे के विशाल लण्ड को घूरने से रोक ना सकी। जब रवि फिर से अपने लण्ड को धीमे मगर कठोरता से पीटने लग जाता है। रवि के मुँह से कराहने की आवाज़ें निकलने लगती हैं। जब उसकी कलाई उसके कुदरती तौर पर बड़े लण्ड पर ऊपर-नीचे होने लगती हैं।‘रवि. तो ऐसा मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया था। उस दिन पूरी रात वो दोनों मेरे ही घर में थे और पूरी रात दोनों ने मिल कर कम से कम 20 बार मुझको चोदा होगा।मेरी कहानी आपको कैसी लगी. तो ऐसा मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया था। उस दिन पूरी रात वो दोनों मेरे ही घर में थे और पूरी रात दोनों ने मिल कर कम से कम 20 बार मुझको चोदा होगा।मेरी कहानी आपको कैसी लगी.
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कुछ समय बाद मेरी चूत से भी पानी निकलना शुरु हो गया तो नमिता और राजा दोनों ने मिलकर मेरी चूत को चाट कर साफ़ करने लगा. कुछ पता ही नहीं चलता।वैसे ही एकाध माह में तो हम एक-दूसरे के अच्छे दोस्त बन गए थे, अब वो मुझे अपना बेस्ट फ्रेंड कहने लगी थी। मुझे तो उसकी जवानी ने पागल किया हुआ था, उसे देखते ही उसको छूने को दिल करता था. तो वो अपने चूतड़ों को गोल-गोल हिलाने लगी और मैं अपने लण्ड को और अन्दर तक डालने लगा।मेरी हर ठाप पर वो ‘स्स्स्स्स्.
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मीनू के साथ सेक्स चैट के मज़े लेने के बाद हमने मिलने का निर्णय किया और मीनू अपनी सहेली के साथ आगरा ट्रेन से रवाना हो गई।अब आगे. इतनी देर में आलोक अपनी कमर उठा कर एक जोरदार धक्का मारा और उसने महसूस किया कि उसका सारा का सारा लंड सिमरन की बुर में घुस गया है और सिमरन की बुर से खून निकल रहा है. और मैं तो कहूँगा कि आप घर में ऐसे ही रंग के इसी प्रकार के कपड़े पहना करो। आपको ब्लड प्रेशर की बीमारी के कारण कैसी भी गर्मी सहन नहीं करना चाहिए। इन कपड़ों में तो आराम रहता ही होगा।तब मम्मी बोलीं- हाँ.
तो मुझे याद आया इस सफर में तो वो मेरे साथ ही थी। अब मुझे और आगे पढ़ने की उत्सुकता होने लगी। अब आगे की कहानी अनन्या की डायरी की जुबानी।26 दिसम्बर 2011आज मैं बहुत खुश हूँ। कल मैं पूरे दो साल बाद अपने घर पर होऊँगी. 30 बजे थे।मैंने गाड़ी स्टार्ट की और रास्ते में नर्मदा केनाल की गली में ले जाकर गाड़ी रोक ली।हम में से कोई कुछ नहीं बोला.
इतना कहकर वो झड़ने लगी।मैं भी जल्दी-जल्दी धक्के लगाता हुआ बोला- मेरा भी होने वाला है।वो बोली- मेरी चूत में ही झड़ना मैं पहली बार का महसूस करना चाहती हूँ.
अभी बाकी है।उन्होंने फिर से अपनी आँखें बंद कर ली। अब मैं आंटी के कोमल होंठों पर चूमने लगा और आंटी भी मेरा साथ देने लगी। हम एक-दूसरे को पागलों के जैसे चुंबन कर रहे थे।एक हाथ मेरा उनके मम्मों पर था. मगर पायल पर तो ड्रग्स का नशा छाया हुआ था। वो कहाँ मानने वाली थी।पुनीत- अरे इसमें लो और हाई की बात कहाँ से बीच में आ गई। अब मुझे बाथरूम जाना है. तो कोई खाना के लिए बोल रहा था। तो उसने अपनी सांस सम्हालते हुए उसको बाद में आने को कहा।अब बारी उसकी थी।टीटी ने मुझे पीछे घूमने को कहा और अब मेरे मन में डर लगने लगा क्यूंकि मैंने बहुत सालों से गाण्ड नहीं मरवाई थी।मैंने टीटी को कहा.
तो मैंने महसूस किया कि मेरे लण्ड पर रजनी ने हाथ रखा है।मैं रानी की तरफ़ पलट गया और उसे चिपक गया। इधर दूसरी ओर से रजनी भी मेरी तरफ़ चिपक रही थी और वो भी मेरे पीछे से अपने हाथ को डाल कर हाथ को मेरे लण्ड के ऊपर ले आई।मैं हैरान था. डॉली से खड़ा नहीं रहा जा रहा था। मैंने उसे फर्श पर लिटा दिया और उसके पेट को चाटने लगा और चूचे दबाने लगा।फिर मैं डॉली की चूत की तरफ लपका अपनी जीभ चूत पर लगा दी।डॉली ने मादक स्वर में कहा- तेज तेज करो जानू. इसलिए उनके मम्मे मेरे चेहरे पर घिसने लगे।मैंने ब्लाउज को हटाते हुए एक निप्पल चूसते हुए मुँह में ले लिया और दूसरे मम्मे को मसलने लगा। वो दीवार से सटकर खड़ी थीं और मैं उनकी गाण्ड पकड़ कर दोनों मम्मों को बारी-बारी से चूस रहा था।मैं जल्दी ही उनकी पूरी साड़ी खोल दी.
अब तक मेरा भी लण्ड पानी छोड़ने वाला था और मैं बोला- मैं भी आयाया! मेरी जाआन! और मेंने भी अपना लण्ड का पानी छोड़ दिया और मैं हाँफ़ते हुए उनकी चूची पर सिर रख कर कस के लिपट कर लेट गया.
पंजाबी सेक्सी बीएफ मूवी: उम्र 21 साल है। अभी मैं दिल्ली में रहता हूँ। मैं आज आपके सामने अपना पहला सेक्स अनुभव बाँटने जा रहा हूँ। मैं अन्तर्वासना का लंबे समय से पाठक रहा हूँ। लोगों की कहानियाँ पढ़कर मेरे दिल में भी लालसा जागृत हुई कि मैं भी अपने बीते पलों को यहाँ अपने मित्रों के सामने प्रस्तुत करूँ।मुझसे अपनी आपबीती लिखने में जो ग़लतियाँ हों. मैं समझ गया कि भाभी सेक्स की ही बात कर रही हैं, मैंने भाभी से पूछा- कुछ सीक्रेट है क्या?तो वो बोलीं- हाँ है।मैं उन्हें फ़ोर्स करने लगा- भाभी प्लीज़ बताओ न.
गोलियों का असर शुरू हो चुका था और मेरा लण्ड आँटी की बड़ी बड़ी छातियाँ और सफाचट चूत को याद करके खड़ा हो रहा था. याद है पहली बार कैसे बुद्धू बना कर मेरी चूत फाड़ दी थी आपने।अर्जुन- साली तुझे जन्नत की मल्लिका बना दिया. ये बोल कर मैं उठ कर उसके पास गयी और उसकी धोती में हाथ डाल कर उसके 2 इंच चौड़े और 7 इंच लम्बे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी.
इस तरह हम दोनों के बीच ये बातों का सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहा और धीरे-धीरे बातों के सहारे मैंने आरती के मन में से उसकी झिझक को कम करने की कोशिश की.
करीबन 30 एमएल रहा होगा।मैंने अपने पति की व्हिस्की की बोतल से 2 पैग व्हिस्की उसमें मिला कर सुंदर को पिलाया और मैंने भी पिया।सुंदर ने बाद में मेरी जोरदार चुदाई की।उसी समय डोर बेल बज उठी, मैं हड़बड़ा कर कपड़े ठीक करके उठी और मैंने सुंदर को ऊपर जाने को कहा, फिर दरवाज़ा खोला तो पति थे. मुझे तो इसे चोदने से मतलब था।मैंने सोचा चूत की सील न तोड़ पाने का गुस्सा अब इसकी गाण्ड पर निकलेगा।उसकी चूत के अन्दर मेरा लंड जल रहा था. मेरी माँ सर का लंड चूसते हुए सर को फिर से गरम करने लगीं, शायद उनकी चुत को लंड की खुराक अभी और चाहिए थी.
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